Wednesday, December 25, 2024

श्री विप्र वैदिक गुरुकुल उज्जैन


आचार्य-सन्देश

प्राचीन भारत की वैदिक सनातन संस्कृति एवं  मानव की उन्नत मेधा को जागृत कर जीवन की समस्याओं का सहज समाधान प्रस्तुत किया है। वैदिक काल में उत्कृष्ट मानव निर्माण हेतु जिस शिक्षा पद्धति का निर्देश किया गया है-

 वह है गुरुकुल शिक्षा पद्धति।

 शिक्षा पद्धति के उसी आदर्श को समक्ष रखकर बटुक बालको  के जीवन का निर्माण करना ‘,श्री विप्र वैदिक गुरुकुल उज्जैन  का उद्देश्य है।

 गुरुकुल के सात्विक वातावरण में सबल, सक्षम, सुशिक्षित, आत्मविश्वासी, मर्यादित, ब्रह्म व क्षत्र दोनों ही सामर्थ्यो से परिपूर्ण बालको  का निर्माण करना हमारा संकल्प  है।

सनातन धर्म के प्रचार और हिंदुत्व का परचम लहराने के लिये  क्रान्तिकारी पहल की। हमने  सत्यार्थ प्रकाश में बालको अपने पुत्र  समान रूप से शिक्षित करने के लिए गुरुकुल पद्धति का प्रारंभ  किया और हमने अपने इस लक्ष को पूरा  करने के लिए हमारी संस्था श्री धाम सनातन सेवा ट्रस्ट द्वारा प्रथम गुरुकुल  २०२१ में महाकाल की नगरी उज्जैन में प्रारंभ किया \

भारत में सनातन को मजबूत करने के लिए सनातन ग्रंथो से  परिचय अत्यावश्यक है। यह उसके विद्यार्जन को समृद्ध व ठोस बनाता है। अतः वैदिक आदर्शो के आलोक में देश की भावी पीढ़ी का निर्माण अधीत ज्ञान की उपयोगिता को नए आयाम देगा। इसी विश्वास के साथ सभी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।

-आचार्या डॉ गुरु श्री धर्मेश महाराज 

मुख्य संचालक  एवं प्राचार्या--------- 8889121008  ----8349007808








                 


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         भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का

                          एक स्तंभ 





       #gurushreedharmeshmaharaj

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